राजनीतिक नेता क्षेत्रवाद का उपयोग अपने वोट बैंक को मजबूत करने और राजनीतिक लाभ के लिए करते हैं।
कुछ अलगाववादी समूह क्षेत्रवाद को अपने क्षेत्रीय अस्मिता और अलग राज्य की मांग के लिए उपयोग करते हैं।
क्षेत्रवाद का मुद्दा केंद्रीय से लेकर स्थानीय चुनावों में एक महत्वपूर्ण विषय बना रहता है
भारतीय विविधता में भाषाई और सांस्कृतिक पहचान भी क्षेत्रवाद को बल देती है।
भारत की विविध भौगोलिक स्थितियाँ क्षेत्रीय भेदभाव को उत्पन्न करती हैं
विकास के असमान अवसर और संसाधनों का वितरण भी क्षेत्रवाद को प्रभावित करता है
अलग-अलग सांस्कृतिक पहचानों को मजबूत करने की कोशिश में क्षेत्रीयता का बढ़ावा होता है, जिससे अन्य क्षेत्रों से अलगाव होता है।
क्षेत्रीय भेदभाव से सामाजिक अस्थिरता और तनाव पैदा होता है।
जल, जमीन और सांस्कृतिक मुद्दों पर राज्यों के बीच विवाद क्षेत्रवाद को बढ़ावा देते हैं