चार धाम यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालु सबसे पहले क्यों जाते हैं यमुनोत्री धाम?
चार धाम यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालु सबसे पहले क्यों जाते हैं यमुनोत्री धाम?
चार धाम यात्रा का पहला धाम, यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
चार धाम यात्रा का पहला धाम, यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
पुराणों में यमुना जी को 'सूर्य तनया' कहा गया है, यानी यमुना जी सूर्यदेव की पुत्री हैं
पुराणों में यमुना जी को 'सूर्य तनया' कहा गया है, यानी यमुना जी सूर्यदेव की पुत्री हैं
मान्यता है कि इनके दर्शन, पूजन और स्नान से साधक सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं
मान्यता है कि इनके दर्शन, पूजन और स्नान से साधक सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं
यह भी कहा जाता है कि साधक को अंत समय में यम की यात्राओं से भी मुक्ति मिल जाती है
यह भी कहा जाता है कि साधक को अंत समय में यम की यात्राओं से भी मुक्ति मिल जाती है
बसंत पंचमी के दिन यहाँ कपाट खोलने की तिथि की घोषणा होती है
बसंत पंचमी के दिन यहाँ कपाट खोलने की तिथि की घोषणा होती है
अक्षय तृतीया पर मंदिर के कपाट खुलते हैं, जबकि यम द्वितीया को बंद होते हैं
अक्षय तृतीया पर मंदिर के कपाट खुलते हैं, जबकि यम द्वितीया को बंद होते हैं
जो भक्त यमुनोत्री धाम की यात्रा करते हैं और यमुना जी के प्रकट स्थल पर स्नान करते हैं, वे पाप मुक्त हो जाते हैं और उनके सात कुल पवित्र हो जाते हैं
जो भक्त यमुनोत्री धाम की यात्रा करते हैं और यमुना जी के प्रकट स्थल पर स्नान करते हैं, वे पाप मुक्त हो जाते हैं और उनके सात कुल पवित्र हो जाते हैं
इस स्थल पर दर्शन, पूजन से न केवल साधकों की सभी मनोकामनाएं सहज रूप में पूरी होती हैं
इस स्थल पर दर्शन, पूजन से न केवल साधकों की सभी मनोकामनाएं सहज रूप में पूरी होती हैं
उन्हें सूर्य देव, शनि देव, यमदेव के साथ-साथ भगवान कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है
उन्हें सूर्य देव, शनि देव, यमदेव के साथ-साथ भगवान कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है
यही वजह है कि चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्री सबसे पहले यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकलते हैं
यही वजह है कि चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्री सबसे पहले यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकलते हैं
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