Pig kidney transplant: अक्सर आपने सुना होगा कि किसी की किडनी फेल हो गई है, किसी की किडनी में डायलिसिस हो रहा है, या किसी की किडनी खराब हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किडनी होती क्या है? किडनी बींस के आकार की दो अंग होती हैं जो शरीर की पसली की गुफा में लटकी रहती हैं। यह आपके दोनों स्पाइन की ओर लगी होती हैं। किडनी का मुख्य काम प्रति मिनट एक कप खून से अच्छी चीजों को छानकर रखना और गंदी चीजों को पेशाब के रास्ते बाहर निकालना होता है। यह यूरिन ब्लेडर से होते हुए दो पतली ट्यूब के माध्यम से शरीर से बाहर चला जाता है।
सूअर की किडनी इंसान मे लगाई गई | Pig kidney transplant in Humans
जब किडनी खराब हो जाती है, लोग उसका इलाज करवाते हैं। बीमारी बढ़ने पर, अंतिम समय में लोग किसी दूसरे व्यक्ति की किडनी अपने शरीर में लगवाते हैं। हाल ही में अमेरिका में एक व्यक्ति की किडनी खराब हो गई थी। इसके बाद उसने सूअर की किडनी लगवाई। दुर्भाग्यवश, अब उस व्यक्ति की मौत हो गई है। मार्च में बोस्टन में इस व्यक्ति को सूअर की किडनी लगाई गई थी। आइए, विस्तार से पूरी कहानी बताते हैं।
डॉक्टरों ने आनुवंशिक रूप से संशोधित किडनी को ट्रांसप्लांट किया और इसमें सफलता भी हासिल की। बोस्टन के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के सर्जनों ने रिचर्ड स्लैमन (Rick Slayman) नामक 62 वर्षीय व्यक्ति की सर्जरी कर सूअर की किडनी लगाकर उन्हें जीवनदान दिया था। वह इस तरह की किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने। मेडिकल क्षेत्र में इसे बड़ी सफलता मानी जा रही थी और यह किडनी की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान साबित हो रही थी। लेकिन अब, मैसाचुसेट्स राज्य में सूअर की किडनी लगवाने वाले 62 वर्षीय रिचर्ड स्लैम की मौत हो गई है।
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Xenotransplant तकनीक से हुई थी सर्जरी
रिचर्ड को मार्च में जेनेटिकली मॉडिफाइड सूअर की किडनी लगाई गई थी। डॉक्टरों ने कहा था कि यह किडनी कम से कम दो वर्षों तक रिचर्ड के शरीर में ठीक से काम कर सकती है। उनकी मौत की वजह सूअर की किडनी नहीं थी। ट्रांसप्लांट (Xenotransplant) करने वाली टीम ने रिचर्ड की मौत पर दुख जताया। रिचर्ड ऐसे पहले शख्स थे जिनके शरीर में सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। रिचर्ड की मौत के बाद टीम ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि सुलेमान के निधन से वे बहुत दुखी हैं।
हालांकि टीम ने कहा है कि उनके पास ऐसा कोई संकेत नहीं है कि प्रतिरोध के कारण ही रिचर्ड की मौत हुई है। रिचर्ड काफी समय से डायबिटीज की चपेट में थे जिससे उनकी किडनी खराब हो गई थी। करीब 7 साल तक डायलिसिस पर रहने के बाद, 2018 में मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल में उन्हें एक इंसान की किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी, लेकिन 5 साल के भीतर ही वह फेल हो गई। इसके बाद उन्हें सूअर की किडनी लगाई गई थी। यह किडनी मैसाचुसेट्स के इंजेनिसिस ऑफ कैम्ब्रिज में विकसित की गई थी।
डॉक्टरों ने सूअर से उन जीन को निकाल दिया था जो इंसान के लिए खतरा बन सकते थे, और इसमें कुछ इंसानी जीन जोड़े गए थे जिससे इसकी क्षमता बढ़ गई। इजेनेसिस कंपनी ने सूअर से उन वायरस को भी निष्क्रिय कर दिया था जो इंसान को संक्रमण दे सकते थे। स्लैमन के परिवार ने कहा कि उन्होंने दोबारा ट्रांसप्लांट इसलिए करवाया ताकि इस बीमारी से जूझ रहे हजारों लोगों को एक नया रास्ता मिल सके और उनकी जान बच सके। हालांकि, अब अफसोस है कि यह सर्जरी सफल नहीं रही।
साथ ही आपको बताना चाहेंगे कि सर्जरी बिल्कुल सफल नहीं रही। डॉक्टरों ने कहा था कि स्लैमन दो वर्ष जीवित रहेंगे, लेकिन वे केवल दो महीने ही जीवित रह पाए और उनकी मृत्यु हो गई। परिवार वालों ने भी उम्मीद की थी कि स्लैमन कम से कम दो वर्ष जीवित रहेंगे, लेकिन अब उनकी मृत्यु हो गई है।