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क्या HALDIRAM बिक जाएगा? लगी 70,000 करोड़ की बोली! जानिए किसने लगाई बोली

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HALDIRAM News: लोगों की तरफ सबसे ज्यादा पसंद किया जान वाले नमकीन और मिठाई का ब्रांड हल्दीराम अब बिकने वाला है। देश में मिठाई की बात हो और हल्दीराम का नाम ना आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। मिठाई और पैकेज नमकीन के मामले में हल्दीराम की गिनती देश के टॉप ब्रांड्स में होती है। आज, हल्दी राम का नेटवर्क देश भर में फैल चुका है। क्विक सर्विस रेस्टोरेंट कारोबार में भी हल्दीराम का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। अब हल्दीराम देसी से विदेशी हो ने वाली हे।  

हल्दीराम को खरीदने की रेस में कई विदेशी कंपनियां सामने आ गई हैं। तीन बड़ी विदेशी कंपनियों ने हल्दीराम के पूरे कारोबार खरीदने के लिए बोली लगाई है। हल्दीराम को खरीदने वाली कंपनियों में दुनिया की सबसे बड़ी इक्विटी निवेश कंपनी ब्लैक स्टोन, अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, और गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशंस शामिल हैं।

इन तीनों कंपनियों के कॉन्सॉर्टियम ने हल्दीराम के दिल्ली और नागपुर ब्रांच के स्नैक्स और फूड बिजनेस को खरीदने के लिए प्रस्तावित किया है। अगर यह डील पूरी होती है, तो यह अब तक का देश का सबसे बड़ा प्रोडक्ट इक्विटी डील (Equity Deal)होगी। हल्दीराम को लेकर कोई भी डील तभी हो सकती है जब उसके दिल्ली और नागपुर बिजनेस का विलय पूरा हो जाए। विलय के प्लान भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, यानी एनसीएलटी, से अप्रूव हो चुका है। माना जा रहा है कि अगले तीन से चार महीने में यह विलय पूरा हो जाएगा।

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हल्दीराम का कारोबार फिलहाल तीन हिस्सों में बंटा हुआ है। एक फ्रैक्शन कोलकाता से, एक दिल्ली से, और एक नागपुर से ऑपरेट होता है। दिल्ली का बिजनेस मनोहर अग्रवाल और मधुसूदन अग्रवाल संभालते हैं, जबकि नागपुर का बिजनेस कमल कुमार शिव किशन अग्रवाल के पास है। इस डील में नागपुर और दिल्ली के हल्दीराम का कारोबार है, कोलकाता से ऑपरेट होने वाला हल्दीराम का रेस्टोरेंट बिजनेस इसमें शामिल नहीं है। फिलहाल, हल्दीराम फैमिली अपने बिजनेस को रिस्ट्रक्चर करने में जुटी है और पैकेज फूड और रेस्टोरेंट बिजनेस को अलग-अलग कंपनियों में तब्दील कर रही है।

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हल्दीराम की शुरुआत आज से 87 साल पहले हुई थी, साल 1937 में गंगा विषण अग्रवाल ने इसकी शुरुआत की थी। गंगा विषण अग्रवाल को उनकी मां हल्दीराम नाम से बुलाती थी, इसी वजह से ब्रांड का नाम हल्दीराम रखा गया। हल्दीराम एक ब्रांड के रूप में बहुत मजबूत है, इसके पीछे तीन बड़ी वजह हैं – गट प्रोडक्ट्स, बेहतरीन क्वालिटी, और ग्रेट डिस्ट्रीब्यूशन। आज हल्दीराम का कारोबार भारत ही नहीं, दुनिया भर के कई देशों में फैला है। यह अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में तेजी से अपनी पैठ बढ़ा रहा है, और यूरोप के कुछ देशों में भी हल्दीराम के आउटलेट्स हैं। खबरों की माने तो, कारोबारी साल 2024 में हल्दीराम की आय 14500 करोड़ रह सकती है, वहीं कामकाजी आय 2300 से 2500 करोड़ के बीच रह सकती है।

Haldiram share price

कंपनी का कारोबार पिछले 5 साल में 18% सीएजीआर(CAGR) पर ग्रोथ कर रहा है, जबकि एवरेज एबिटा(EBITA) 14% से 15% के बीच है। देश भर में हल्दीराम के प्रोडक्ट्स 15 लाख रिटेल लोकेशन पर मौजूद हैं। हल्दीराम के 400 से भी ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं, जिनमें नमकीन, वेस्टर्न स्नैक्स, भारतीय मिठाई, कुकीज, पापड़, और अचार शामिल हैं। कुल मिलाकर, हल्दीराम एक बड़ा ब्रांड है, जो जल्द ही देसी से विदेशी भी हो सकता है।

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