Site icon Timesornews

दिव्या खोसला कुमार ने खुल कर बताया अपने अभिनय के प्रति प्यार के बारे मे। जानिए

Divya Khosla Kumar film savi

दिव्या खोसला कुमार भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में एक प्रसिद्ध अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता हैं। जिसने अपने करियर में कई ऊंचाइयों और गहराइयों का सामना किया है। हाल ही में, उन्होंने एक इंटरव्यू  में बॉक्स ऑफिस पर उनकी फिल्मों की असफलता, उनकी शादी और अभिनय के प्रति उनके अटूट प्रेम के बारे में विस्तार से चर्चा की। तो आईए जानते हे क्या कहा दिव्या खोसला कुमार ने। 

45 दिनों का शूट केवल दो जोड़ी जींस पहन कर कीया था 

दिव्या खोसला कुमार हमेशा से एक अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत करती रही हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्हें “भट्ट साहब” की फिल्म के बारे में पता चला तो वह तुरंत उनसे मिलने गईं। दिव्या ने कहा “मैंने उनके ऑफिस जाकर उनसे भीख मांगी कि सर, कृपया मुझे यह भूमिका निभाने का मौका दें। यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी फिल्म थी,”। उनकी यही लगन और सच्चाई देखकर भट्ट साहब ने उन्हें भूमिका दी थी।

उनके अनुसार, एक अभिनेता के रूप में उनका उद्देश्य हमेशा से खुद को चुनौती देना और कुछ नया पेश करना रहा है। “मैं अपने वास्तविक जीवन में ऐसी नहीं हूं। मैंने इस फिल्म में बिल्कुल बिना मेकअप और साधारण कपड़ों में काम किया है।” दिव्या ने बताया कि उन्होंने 45 दिनों के शूट के दौरान केवल दो जोड़ी जींस पहनी थी, जो उनके लिए एक नया अनुभव था।

यह भी पढे: कौन हैं नैंसी त्यागी? जिसने यूपी के गाँव से कांस फिल्म फेस्टिवल तक का सफर कीया तय

दिव्या की शादी और पारिवारिक जीवन

दिव्या ने अपने साक्षात्कार में अपनी शादी और पारिवारिक जीवन के बारे में भी खुलकर बात की। वह एक अरेंज्ड मैरिज में हैं और उनके माता-पिता दिल्ली से हैं, जो नहीं चाहते थे कि वह फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनें। “मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं शादी करूं और एक सुरक्षित जीवन जीऊं। इसलिए मैंने उनकी बात मानी, क्योंकि मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ अपने माता-पिता का गर्व देखना था।”

उन्होंने बताया कि अभिनय छोड़ना उनके लिए एक बहुत बड़ा निर्णय था, लेकिन उन्होंने यह कदम अपने माता-पिता की खुशी के लिए उठाया। “अभिनय छोड़ना मेरे लिए बहुत कठिन था, लेकिन मैं अपने माता-पिता के लिए एक अच्छी बेटी बनना चाहती थी।”

बॉक्स ऑफिस असफलताएं को दिल से नहीं लगाती दिव्या

दिव्या ने बताया कि वह बॉक्स ऑफिस पर असफलता को दिल से नहीं लगाती हैं। “उदाहरण के लिए, ‘यारम’ को आलोचकों से बहुत सराहना मिली, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म नहीं चली। लेकिन मुझे अभी भी विश्वास है कि जब लोग इस फिल्म को देखेंगे, तो उन्हें मेरा काम पसंद आएगा।”

उन्होंने कहा कि वह आलोचनाओं को सकारात्मक रूप में लेती हैं और अपने काम में सुधार करने की कोशिश करती हैं। “मैं अपने काम को लेकर बहुत आलोचनात्मक हूं और हमेशा इसे बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं।”

दिव्या का मानना है कि सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं और इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। “मैं एक योद्धा हूं। कोई भी मुझे तोड़ नहीं सकता। मैं किसी भी चीज़ से नहीं डरती, यहां तक कि मौत से भी नहीं। मैं एक बहुत ही निडर व्यक्ति हूं।”

उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी मां से बहुत प्रेरित हैं, जो एक बहुत ही मजबूत महिला थीं। “मेरी मां ने मुझे भावनात्मक रूप से संभाला और मुझे लगता है कि मेरी ताकत उन्हीं से आती है।”

दिव्या ने यह भी साझा किया कि वह सेट पर सबसे खुश रहती हैं और वहीं उन्हें सबसे ज्यादा रचनात्मक संतुष्टि मिलती है। “मैं अपने काम को स्क्रीन पर नहीं देखती, क्योंकि मैं अपने काम के प्रति बहुत आलोचनात्मक हूं। सेट पर ही मुझे सबसे ज्यादा खुशी मिलती है।”

अनिल कपूर के साथ काम करने का अनुभव रहा शानदार 

दिव्या ने अनिल कपूर के साथ काम करने के अपने अनुभव के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि अनिल कपूर के साथ काम करना एक जादुई अनुभव था। “हमारी केमिस्ट्री स्क्रीन पर आग की तरह थी। उन्होंने फिल्म में हास्य का तड़का लगाया, जो फिल्म को और भी रोमांचक बनाता है।”

दिव्या ने बताया कि अनिल कपूर के साथ काम करने से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। “अनिल सर बहुत प्रेरणादायक हैं। उन्होंने सेट पर अपनी ऊर्जा और जुनून से मुझे बहुत प्रभावित किया।”

दिव्या ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में काम करना बहुत कठिन है और यहां हर किसी को अपने हिस्से की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। “इंडस्ट्री में काम करना आसान नहीं है। यहां बहुत मेहनत करनी पड़ती है और हर किसी को अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।”

उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें कुछ अच्छे हिंदी स्क्रिप्ट्स मिले हैं और वह एक तेलुगु फिल्म में भी काम कर रही हैं। “अब मेरे पास अच्छे स्क्रिप्ट्स आ रहे हैं और मैं लगातार व्यस्त हूं।”

दिव्या ने बताया कि उनके परिवार का समर्थन उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। “मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ मेरे परिवार का समर्थन है। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहते हैं और मुझे प्रेरित करते हैं।”

दिव्या का मानना है कि आने वाले समय में उनके लिए और भी बेहतर अवसर आएंगे। “मुझे विश्वास है कि जब भगवान को लगेगा कि समय सही है, तब मुझे और भी अच्छे अवसर मिलेंगे।”

Exit mobile version