Char Dham Yatra News Uttarakhand:चार धाम यात्रा का पहला धाम, यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पुराणों में यमुना जी को ‘सूर्य तनया’ कहा गया है, यानी यमुना जी सूर्यदेव की पुत्री हैं और भगवान कृष्ण की आठ पटरानियों में से एक हैं। सनातन धर्म में मां यमुना की विशेष महिमा का उल्लेख है। मान्यता है कि इनके दर्शन, पूजन और स्नान से साधक सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर लेते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह भी कहा जाता है कि साधक को अंत समय में यम की यात्राओं से भी मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें।
यमुनोत्री धाम, जो कि समुद्र तल से 3235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, उत्तराखंड के चार धाम यात्रा का पहला धाम है। बसंत पंचमी के दिन यहाँ कपाट खोलने की तिथि की घोषणा होती है और अक्षय तृतीया पर मंदिर के कपाट खुलते हैं, जबकि यम द्वितीया को बंद होते हैं। मंदिर साल में सिर्फ छह महीने के लिए खुलता है। यह मंदिर 19वीं सदी में जयपुर की महारानी गुलेरिया ने बनवाया था और यह असित मुनि की तपस्थली भी है। यमुनोत्री धाम यात्रा मार्ग में सूर्यकुंड, दिव्य शिला, और विष्णु कुंड के दर्शन होते हैं। सूर्यकुंड में गर्म जल से चावल और आलू पकाए जाते हैं, और इस कुंड के पास दिव्य शिला और 100 साल पुराना जमुना वाई कुंड स्थित हैं। यमुनोत्री से पहले भैरव घाटी के मंदिर के दर्शन भी होते हैं।
यमुनोत्री धाम को यमुना जी के प्रकट स्थल के रूप में माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जो भक्त यमुनोत्री धाम की यात्रा करते हैं और यमुना जी के प्रकट स्थल पर स्नान करते हैं, वे पाप मुक्त हो जाते हैं और उनके सात कुल पवित्र हो जाते हैं। इस स्थल पर दर्शन, पूजन से न केवल साधकों की सभी मनोकामनाएं सहज रूप में पूरी होती हैं, बल्कि उन्हें सूर्य देव, शनि देव, यमदेव के साथ-साथ भगवान कृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। यही वजह है कि चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्री सबसे पहले यमुनोत्री धाम की यात्रा पर निकलते हैं। यमुना का स्नान, दर्शन और पूजन करने के बाद, वे मां गंगा के धाम, गंगोत्री की यात्रा पर निकलते हैं।
Gangotri Dham में कैसे प्रकट हुई मां गंगा, रहस्य कर देगा हैरान
चार धाम यात्रा का एक पवित्र स्थल है गंगोत्री धाम। यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद, भक्त गंगोत्री धाम की यात्रा पर निकलते हैं, जो मां गंगा का उद्गम स्थल है। इस स्थल को गोमुख कहा जाता है, जहां से निकलकर गंगा नदी की धारा दीप प्रयाग में अलकनंदा से मिलती है और इसे अलकनंदा गंगा कहा जाता है। शास्त्रों में गंगोत्री धाम की विशेष महिमा बताई गई है, जहाँ मां गंगा को पतित पावनी कहा गया है। मान्यता है कि देवलोक से धरती पर लोक कल्याण के लिए आई मां गंगा के दर्शन और स्मरण मात्र से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
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गंगोत्री धाम का विशेष महत्व है क्योंकि इसे श्री हरि के चरणों से निकलने की वजह से ‘हरिप्रिया’ कहा जाता है और भगवान शिव की जटाओं में विराजने की वजह से इसे ‘शिव अर्धांगिनी’ माना गया है। मान्यता है कि जो साधक गंगोत्री धाम की यात्रा करके गंगा स्नान और गंगा पूजन करते हैं, उनके सभी पाप कर्म समाप्त हो जाते हैं और मां गंगा की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं सहज रूप में पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं गंगोत्री धाम से जुड़ी कुछ खास बातें जिन्हें शायद आप ना जानते हों।
गंगोत्री धाम, जो कि समुद्र तल से 3750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, गंगा नदी के निकलने के स्थल को गोमुख कहा जाता है। गोमुख गंगोत्री से 19 किलोमीटर की दूरी पर है और यहाँ से निकलने वाली गंगा नदी को भागीरथी के नाम से जाना जाता है। गंगोत्री धाम के कपाट साल में छह महीने के लिए खुलते हैं और अक्षय तृतीया को खुलते हैं, जबकि भाई दूज के दिन बंद होते हैं। कपाट बंद होने पर मां गंगा की पूजा मुखवा गांव में की जाती है। यह मंदिर मूल रूप से 18वीं शताब्दी में नेपाली जनरल अमर सिंह द्वारा बनवाया गया था और 20वीं शताब्दी में जयपुर के राजा माधव सिंह ने इसका पुनर्निर्माण कराया था।
चार धाम में कौन कौन से तीर्थ आते हैं?
चार धाम में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का समावेश होता हे। यह चारों धाम उत्तराखंड मे स्थित हे.
चार धाम यात्रा का क्रम क्या है?
चार धाम के क्रम की बात करे तो पहले यमुनोत्री धाम आता हे। उसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ क्रमशः आते हे।
असली चार धाम कौन से हैं?
असली चार धाम की बात करे तो बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी(जगन्नाथ) और रामेश्वरम हे। जिसमे से तीन विष्णु मंदिर हे जबकि एक शिव मंदिर हे। ईनमे से बद्रीनाथ को सबसे पहला धाम मन जाता हे।
चार धाम यात्रा पैकेज 2024 कैसे बुक करे?
चार धाम यात्रा की बुकिंग 10 मई से शुरू हो शूकी हे। आप चार धाम यात्रा पैकेज इस वेबसाईट के जरिए ले सकते हे। https://www.chardhampackage.com/
चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कैसे करे?
चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए आप उसकी ऑफिसियल वेबसाईट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/signin.php पर जाकर कर सकते हे।